जब जब आपसे मिलने की उम्मीद नजर आई,
मेरे पैरों में जंजीर नजर आई,
गिर पड़े आंसू आंखों के,
और हर आंसू में आपकी तस्वीर नजर आई।
बीते दिनों की भूली हुई बात की तरह,
आँखों में जागता है कोई रात की तरह,
उससे उम्मीद थी की निभाएगा साथ वो,
वो भी बदल गया मेरे हालात की तरह।
उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी हो जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।
अभी तक है उसके लौट के आने की उम्मीद,
अभी तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगह,
लाख ये चाहा कि उसे भूल जाऊं पर,
हौंसले अपनी जगह, बेबसी अपनी जगह।
उम्मीद वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,
गर हौसला हो तो हर मौज में किनारा है,
रात तो वक्त की पाबंद है, ढल जायेगी,
देखना ये है कि चिरागों का सफर कितना है।